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नैनीताल, 10 जून (हि.स.)। हाई कोर्ट ने एक प्रेमी जोड़े की ओर से सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस स्टेशन पिरान कलियर को आदेशित किया कि वे इस मामले में होने वाले खतरे का आकलन करें, यदि यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ताओं के जीवन को खतरा है तो उन्हें आवश्यक सुरक्षा प्रदान करें।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी युवक और युवती ने हाई कोर्ट में उन्हें सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में कहा था कि वह बालिग हैं और एक-दूसरे को पसंद करते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने 29 मई को गांव रोशनाबाद में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की है। अब दोनों याचिकाकर्ता एक साथ रह रहे हैं। याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता के पिता और अन्य रिश्तेदार इस विवाह के खिलाफ हैं इसलिए वे उन दोनों को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें खतरा है इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से निकाहनामे की प्रति कोर्ट में लगाई गई है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने थाना प्रभारी, पुलिस स्टेशन पिरान कलियर को आदेशित किया है कि वे इस मामले में होने वाले खतरे का आकलन करें और यदि यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ताओं के जीवन को खतरा है तो आवश्यक सुरक्षा प्रदान करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता