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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को आतंकवाद को वैश्विक समस्या बताते हुए कहा कि आतंकवाद न केवल एक देश की बल्कि पूरी मानवता की साझा चिंता है। उन्होंने आतंकवाद को पूरी तरह हराने के लिए केवल सैन्य कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए वैश्विक सहयोग की जरूरत पर बल दिया।
राय ने दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में 23वीं राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद आज वैश्विक शांति, उन्नति और मानवाधिकारों पर मंडराने वाला सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद किसी भी देश की भौगोलिक सीमा तक सीमित रहने वाला नहीं है। आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है, चाहे वह किसी भी देश में हो।
राय ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। देशों को एक साथ आना चाहिए, खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए और आतंकवादियों के नेटवर्क को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिए उनके इरादों और तंत्र को उजागर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक जिम्मेदार लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में पूर्ण सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। हम शांति प्रिय और सद् समाज के निर्माण के लिए संकल्पित हैं। आतंकवाद के खिलाफ केन्द्र सरकार के सख्त रूख का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी प्रकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति या संसाधनों में कोई कमी नहीं आने दी है।
राय ने कहा कि एनएसजी भारत की सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है। एनएसजी ने देश को एक बार नहीं बल्कि बार-बार गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि एनएसजी की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, खासकर जब सुरक्षा चुनौतियों का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। आज का युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं बल्कि साइबर स्पैस, सूचना क्षेत्र और शहरों के भीतर भी लड़ा जा रहा है। आतंकवाद, साइबर हमले, हाईब्रिड युद्ध जैसी नई चुनौतियों के कारण अब हमें पहले से भी अत्यधिक सतर्क और अधिक तैयार रहना होगा। ऐसे में एनएसजी की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
राय ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन हमारे सशस्त्र बलों की उत्कृष्टता, समर्पण और देशभक्ति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन एक संदेश है कि भारत आतंकी कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगा और देशवासियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के दृढ संकल्प को देख लिया है। हम अपने इस विश्वास पर अडिग हैं कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।
राय ने कहा कि हम मोदी सरकार के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद जैसी गंभीर समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 2010 की तुलना में आज वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी सारी गतिविधियां और उग्रवाद से जुड़ी हिंसा में 83 प्रतिशत की कमी आई है। इस हिंसा में जान गंवाने वालों की संख्या में भी 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। भारत मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त भारत का अभियान लेकर चल रहा है।
राय ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में पूर्ण सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। हम शांति प्रिय और सद् समाज के निर्माण के लिए संकल्पित हैं।
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक भृगु श्रीनिवासन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी में अमेरिका, रूस, जापान, इजरायल, जर्मनी और इंडोनेशिया सहित 17 मित्र देशों के 50 से अधिक प्रतिनिधि, राज्य पुलिस बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), भारतीय सेना, खुफिया एजेंसियों और प्रमुख थिंक टैंक्स के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर एनएसजी और राज्य पुलिस बलों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एनएसजी की वार्षिक पत्रिका बॉम्बशेल का भी विमोचन किया गया। संगोष्ठी में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका भी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार