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बेंगलुरू, 10 जून (हि.स.) कर्नाटक हाई कोर्ट रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले एवं अन्य की याचिका पर 11 जून को सुनवाई करेगा। निखिल ने याचिका दाखिल अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। आरसीबी की जीत के बाद जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ मामले में निखिल सोसले की गिरफ्तारी हुई है। भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे।
कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एम. कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने निखिल सोसले, सुनील मैथ्यू, किरण कुमार और शमंत माविनाकेरे तथा अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए दलील दी कि निखिल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, उनकी भूमिका अज्ञात है। प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में भी उनका नाम नहीं है। याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी गैरकानूनी है।
वकील ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता निखिल को इस मामले में सीसीबी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो एक अलग जांच एजेंसी है। मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है। ऐसे में सीसीबी इस प्रक्रिया में अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकती। सीसीबी अधिकारियों द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है। साथ ही इस घटना के सिलसिले में सरकार ने बेंगलुरु शहर के पुलिस कमिश्नर को निलंबित कर दिया है। राजनीतिक सचिव को उस पद से हटा दिया है। खुफिया विभाग के प्रमुख का तबादला कर दिया है। ऐसे में अगर यह कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने कोई गलती की थी, तो उन्हें क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया? सिर्फ़ आरसीबी और डीएनए से जुड़े लोगों को ही क्यों गिरफ्तार किया गया?
इसके बाद सरकार के वकीलों ने अपनी दलीलें पेश करने के लिए समय मांगा। जिसके बाद सुनवाई 11 जून तक केे लिए स्थगित कर दी गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश महादेवप्पा