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रांची, 10 जून (हि.स.)। शारदीय नवरात्र के अवसर पर 67 वर्षों से भव्य पूजा का आयोजन करते आ रही भारतीय युवक संघ बकरी बाजार बुधवार को भूमि पूजन करेगा। यह कार्यक्रम भारतीय युवक संघ बकरी बाजार के मेला परिसर में आयोजित किया जाएगा।
इस मौके पर बताया गया कि इस वर्ष बकरी बाजार परिसर में विश्व का सबसे बडा मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर का प्रारूप बनाया जाएगा।
यह जानकारी संस्था के सचिव रवि रोहतगी ने मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्त्ता में दी। उन्होंने बताया कि यह मंदिर भगवान विष्णु का बहुत बड़ा मन्दिर है और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है जो 162.6 हेक्टेयर (402 एकड़) में फैला है। यह कम्बोडिया के अंकोर में है। इसका पुराना नाम यशोधरपुर था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53 ई) के शासनकाल में हुआ था। वर्तमान में यह एक बौद्ध मन्दिर है,जो कभी भगवान विष्णु को समर्पित था। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मन्दिर आज भी संसार का सबसे बड़ा मन्दिर है जो सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है।
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है मंदिर
राष्ट्र के लिए सम्मान के प्रतीक इस मन्दिर को कम्बोडिया के राष्ट्रध्वज में भी स्थान दिया गया है। यह मन्दिर मेरु पर्वत का भी प्रतीक है। इसकी दीवारों पर भारतीय धर्म ग्रन्थों के प्रसंगों का चित्रण है। इन प्रसंगों में अप्सराएं बहुत सुन्दर चित्रित की गई हैं, असुरों और देवताओं के बीच समुद्र मन्थन का दृश्य भी दिखाया गया है। विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक होने के साथ ही यह मन्दिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।
बताया गया कि पर्यटक यहां केवल वास्तुशास्त्र का अनुपम सौंदर्य देखने ही नहीं आते बल्कि सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं। लोग इसे पवित्र तीर्थस्थान मानते हैं।
14,400 वर्गफुट में बनेगा पंडाल
रवि रोहत्गी ने बताया कि प्रारूप उत्कृष्ट और प्रसिद्ध बंगाल के पार्वती डेकोरेटर्स सजाएंगे। उन्होंने कहा कि पंडाल लगभग 14,400 वर्गफुट में पंडाल बनाया जाएगा और इसकी ऊंचाई भी करीब 110 फूट होगी। इसके निर्माण में सभी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है पाठ काठीं, मलाई काठीं, होगला पता, पाम पत्ता, बूलेन रस्सी, त्रिपुरा मैट , त्रिपुरा मदूर काठी और भी अन्य चीजें उपयोग में आयेंगी।
मूर्ति भी रहेगी विशेष
अध्यक्ष राहुल अग्रवाल ने बताया कि इस बार संस्था की मूर्ति भी बहुत भव्य और अलौकिक होगी। शिल्प कला में निपुण बंगाल के अनूप दा इसका निर्माण करेंगे। मूर्ति बहुत ही भव्य होगी। मूर्ति की चौड़ाई 36 फूट और ऊंचाई करीब 26 फूट रहेगी। मूर्ति का श्रृंगार अपने आप में कुछ अनोखा होगा, पंडाल में जिन चीज़ों का प्रयोग किया जा रहा उन सब चीजों से मां का श्रृंगार भी किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak