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शिमला, 10 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। मैदान से लेकर पहाड़ तक लू जैसे हालात बन गए हैं और तापमान लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है। मंगलवार को राज्य के पांच प्रमुख जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। ऊना सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद हमीरपुर के नेरी में तापमान 43.3 डिग्री, बिलासपुर में 40.8 डिग्री, जबकि कांगड़ा और मंडी में 40 डिग्री सेल्सियस तक पारा चढ़ गया। राजधानी शिमला में भी इस मौसम का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा, जहां अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक है।
मनाली में पहली बार पारा 31.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक है। लाहौल-स्पीति के केलंग जैसे स्थान पर भी गर्मी का असर दिखा, जहां तापमान 25.9 डिग्री रहा और यह सामान्य से 2.9 डिग्री अधिक रहा। प्रदेश का औसतन अधिकतम तापमान मंगलवार को सामान्य से 3.9 डिग्री ज्यादा रिकॉर्ड हुआ, जो इस सीजन की चरम गर्मी को दर्शाता है।
मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिनों के लिए ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में हीटवेव यानी लू चलने का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि 10 से 12 जून तक प्रदेश के अधिकांश हिस्से शुष्क रहेंगे और दिन में तीखी धूप से तापमान और अधिक बढ़ सकता है। सुबह 9 बजे के बाद ही सूरज की तपिश इतनी तेज हो जाती है कि लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। पिछले कुछ दिनों से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। खुले स्थानों पर काम करने वाले मजदूर, किसान और यात्री सबसे अधिक परेशान हैं।
हिमाचल के हिल स्टेशनों की बात करें तो वहां भी गर्मी ने अपनी दस्तक दे दी है। शिमला, मनाली, डलहौजी, कुफरी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भी सामान्य से 3 से 4 डिग्री अधिक तापमान दर्ज हो रहा है। तीव्र धूप के कारण दिन में पर्यटकों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सुबह और शाम के समय ही थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही गर्मी का असर सिर चढ़कर बोल रहा है।
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति, जिसे आमतौर पर ठंडी जलवायु के लिए जाना जाता है, वहां भी गर्म हवाओं और तीखी धूप का असर दिखाई दे रहा है। सामान्य से तीन से चार डिग्री अधिक तापमान के चलते बर्फ पिघलने की गति तेज हो गई है। इससे चंद्रा, भागा और अन्य नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे इन क्षेत्रों में तेज बहाव देखा जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इस क्षेत्र में अप्रैल के बाद आमतौर पर मौसम सुहावना रहता है, लेकिन इस बार जून में लू जैसी गर्म हवा महसूस की जा रही है। बर्फबारी जल्दी पिघलने से न केवल जल स्रोतों पर असर पड़ा है, बल्कि खेतों में भी नमी की कमी महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग ने राहत की खबर देते हुए बताया है कि 13 जून से मौसम के करवट लेने की संभावना है। विभाग ने जानकारी दी है कि 13, 14 और 15 जून को राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंधी-तूफान, बिजली गिरने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। 15 जून को यह प्रभाव और व्यापक होगा और 16 जून तक कुछ स्थानों पर बारिश भी हो सकती है। इस परिवर्तन के पीछे पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता मुख्य कारण होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा