मुख्यमंत्री पटेल से फिनलैंड के राजदूत किम्मो लाहदेवीर्ता ने शिष्टाचार भेंट की
गांधीनगर में शिष्टाचार भेंट की।


गांधीनगर में शिष्टाचार भेंट की


गांधीनगर, 10 जून (हि.स.)। भारत में फिनलैंड के राजदूत किम्मो लाहदेवीर्ता ने मंगलवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से शिष्टाचार भेंट की।

फिनलैंड में गुजरात के उद्योग और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विकास के प्रयासों को गति देने के उद्देश्य से अहमदाबाद में फिनलैंड का वाणिज्य दूतावास कार्यालय कार्यरत किया गया है और कुलीन लालभाई को मानद वाणिज्य दूत नियुक्त किया गया है।

इसी संदर्भ में फिनलैंड के राजदूत अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ गुजरात के दौरे पर आए हैं और उन्होंने कुलीन लालभाई एवं उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री पटेल से शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने फिनलैंड द्वारा हैप्पीनेस इंडेक्स और स्कूली शिक्षा में प्राप्त की गई उपलब्धियों की जानकारी लेने और फिनलैंड की ‘फिनिश स्कूल सिस्टम’ का अध्ययन करने में गुजरात की रुचि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि फिनलैंड भी कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्रों में जो विशेषज्ञता रखता है, उसका लाभ गुजरात के स्टार्टअप्स को स्केलअप करने में मिले, इसके लिए गुजरात और फिनलैंड के बीच स्टार्टअप सहयोग में उन्होंने रुचि दिखाई।

फिनलैंड के राजदूत ने गुजरात द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन ट्रांज़िशन और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तैयार की गई इको-सिस्टम की सराहना की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग 10 फिनिश कंपनियां गुजरात में कार्यरत हैं और अन्य कंपनियां भी निवेश एवं व्यापार के लिए उत्सुक हैं। राजदूत ने अपनी यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अहमदाबाद में फिनलैंड का वाणिज्य दूतावास कार्यालय शुरू होने से गुजरात और फिनलैंड के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ा है।

इस शिष्टाचार भेंट के दौरान गुजरात और फिनलैंड के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास, स्टार्टअप सहयोग और शिक्षा के क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री पटेल ने ग्रीन एनर्जी, नवीकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ ऊर्जा भंडारण (एनर्जी स्टोरेज) के क्षेत्र में भी फिनलैंड से आगे बढ़ने की अपेक्षा जताई।

इस बैठक में मुख्य सचिव एम. के. दास, उद्योग विभाग की प्रमुख सचिव ममता वर्मा, उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad