ट्रेन के एसी डिब्बे में महिला डाक्टर से छेड़छाड़, आरोपित प्रोफेसर को सात दिन की न्यायिक हिरासत
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बांकुड़ा, 10 जून (हि. स.)। चलती ट्रेन के वातानुकूलित डिब्बे में एक महिला डॉक्टर-प्रोफेसर से छेड़छाड़ के आरोप में हावड़ा से एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया है। पुरुलिया के एक विश्वविद्यालय के आरोपित प्रोफेसर को मंगलवार को बांकुड़ा जिला अदालत में पेश किया गया और न्यायाधीश ने उसे सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

कोर्ट और रेलवे पुलिस सूत्रों के अनुसार, 27 मई को पुरुलिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर-प्रोफेसर बांकुड़ा स्टेशन स्थित जीआरपी थाने में पेश हुई। उसने छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में 'पीड़िता' ने कहा कि 26 मई की रात वह हावड़ा स्टेशन से पुरुलिया जाने के लिए चक्रधरपुर पैसेंजर ट्रेन के एसी डिब्बे में सवार हुई थी। अगली सुबह वह ट्रेन के बिष्णुपुर स्टेशन पहुंचने से पहले ही उठ गई क्योंकि उसके एक सहयात्री ने उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी।

शिकायत मिलने के बाद बांकुड़ा स्टेशन पर रेलवे पुलिस के होश उड़ गए। कई दिनों तक आरोपित की तलाश की गई, लेकिन वह हाथ नहीं आया। सोमवार को रेलवे पुलिस को एक विशेष सूत्र से सूचना मिली कि आरोपित पेशे से प्रोफेसर है। वह हावड़ा में छिपा हुआ है। बांकुड़ा स्टेशन से रेलवे पुलिस हावड़ा पहुंची और उन्होंने आरोपित को गिरफ्तार कर बांकुड़ा ले गए। मंगलवार को रेलवे पुलिस ने आरोपित को बांकुड़ा जिला न्यायालय में पेश किया। रेलवे पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74, 64 और 62 के तहत मामला दर्ज किया है।

मंगलवार को बांकुड़ा जिला न्यायालय के लोक अभियोजक रथिन दे ने कहा कि घटना के दिन पुरुलिया सरकारी मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर-प्रोफेसर और पुरुलिया के एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एक ही डिब्बे में एक ही ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। प्रोफेसर ने कथित तौर पर डॉक्टर से छेड़छाड़ की। रेलवे पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। आरोपित पक्ष ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया। लेकिन जज ने जमानत अर्जी खारिज कर दी और 16 जून तक जेल में रखने का आदेश दिया।

आरोपित के वकील तपस चौधरी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने शुरू में रेलवे पुलिस में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में उसने अपना बयान बदल दिया और बलात्कार का आरोप जोड़ दिया। एक डॉक्टर द्वारा बयान बदलना हमारे लिए समझ से परे है। मुझे लगता है कि इस घटना के पीछे कोई सच्चाई कोर्ट के सामने नहीं आ रही है। हालांकि, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मेरे मुवक्किल ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। लेकिन इसी बीच पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मेरा मुवक्किल हर तरह से जांच में पुलिस की मदद कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय