बढ़ती ठंड में लगातार सेवा कर रहे है युवा समाज सेवी रौशन
सहरसा, 9 दिसंबर (हि.स.)। कहते है परोपकाराय पुण्याय पापाया पड़पीड़नम अर्थात दूसरो आ उपकार करने से पुण्य और दूसरे को पीड़ा देने से पाप होता है।वही मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है, जहाँ इस बढ़ती ठंड में लोग जल्दी अपने घर चले जाते है वहीं रात
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