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कुपवाड़ा, 09 दिसंबर (हि.स.)। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज (पीडीजे) कुपवाड़ा ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के आठ जवानों की ज़मानत अर्ज़ी खारिज कर दी जिसमें एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस भी शामिल है। इन पर दो साल पहले एक साथी पुलिसकर्मी को हिरासत में गंभीर टॉर्चर देने का आरोप है।
पीडीजे मनजीत सिंह मन्हास ने उन अधिकारियों की जॉइंट ज़मानत अर्ज़ी खारिज कर दी जिन्हें सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने फरवरी 2023 में कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान पर क्रूर और अमानवीय टॉर्चर करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।उनकी गिरफ़्तारी तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने एक डिटेल्ड ऑर्डर में सीबीआई को हिरासत में टॉर्चर की जांच करने का निर्देश दिया और पीड़ित के परिवार को 50 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया।
प्रॉसिक्यूशन के अनुसार यह मामला 20 से 26 फरवरी, 2023 तक जॉइंट इंटेरोगेशन सेंटर कुपवाड़ा में गैर-कानूनी हिरासत और सिस्टमैटिक टॉर्चर से जुड़ी घटनाओं का एक सिलसिला है। चौहान जो उस समय बारामूला डिस्ट्रिक्ट पुलिस हेडक्वार्टर में तैनात थे को कथित तौर पर डीवाईएसपी समेत सीनियर अधिकारियों की देखरेख में टेम्पररी इंटेरोगेशन फैसिलिटी में रखा गया था।
बेल देने से मना करते हुए कोर्ट ने देखा कि आरोपी इस स्टेज पर राहत देने लायक कोई भी आधार दिखाने में नाकाम रहे। कोर्ट ने कहा कि डिफ़ॉल्ट बेल की अर्जी टिक नहीं सकती क्योंकि चार्जशीट कानूनी समय के अंदर पेश की गई थी। पहले बेल रिजेक्शन के बाद कोई नई बात सामने नहीं आई है। कोर्ट ने आगे कहा कि मंजूरी से जुड़े मुद्दों की जांच आरोपों पर विचार के दौरान की जाएगी, इस अंतरिम स्टेज पर नहीं। इसलिए बेल की अर्जी को बेकार करार दिया गया और खारिज कर दिया गया।
ये एप्लीकेशन डीवाईएसपी ऐजाज अहमद नाइक और पुलिसवालों रियाज अहमद मीर, तनवीर अहमद मल्ला, अल्ताफ हुसैन भट, मोहम्मद यूनिस खान, शाकिर हुसैन खोजा, शाहनवाज अहमद दीदाद और जहांगीर अहमद बेघ ने फाइल की थीं। मामले में चार्जशीट पहले ही ट्रायल कोर्ट को सौंप दी गई है, जहां चार्ज फ्रेम करने पर बहस अभी शुरू होनी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक चार्ज पर विचार नहीं हो जाता, आरोपी ज्यूडिशियल कस्टडी में रहेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह