बंगाल में एसआईआर में 56.37 लाख मतदाताओं के नाम ‘असंग्रहणीय’ रूप में चिह्नित
‘असंग्रहणीय’ के रूप में चिह्नित नामाें की है कटने की संभावनाकोलकाता, 09 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)प्रक्रिया के दौरान राज्य भर में कुल 56.37 लाख मतदाताओं के नाम को ‘असंग्रहणीय’ के रूप में चिह्नित किया गया है।
चुनाव आयोग (फाइल फोटो)


‘असंग्रहणीय’ के रूप में चिह्नित नामाें की है कटने की संभावनाकोलकाता, 09 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)प्रक्रिया के दौरान राज्य भर में कुल 56.37 लाख मतदाताओं के नाम को ‘असंग्रहणीय’ के रूप में चिह्नित किया गया है। यानी इन लोगों का एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट है कि इनके नाम मतदाता सूची से कट जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अब तक राज्य में कुल 7.66 करोड़ नामांकन प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं।

अधिकारी के अनुसार अब तक जिन 56 लाख से अधिक नामों को असंग्रहणीय बताया यानी पाया गया है, वे प्रारूप मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे। इनमें 23.98 लाख दिवंगत मतदाता, 10.95 लाख ऐसे मतदाता जिनके पते का पता नहीं चल सका, 19.65 लाख दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो चुके मतदाता, 1.32 लाख दोहराए गए नाम और 47 हजार 832 अन्य कारणों से हटाए गए प्रविष्टियां शामिल हैं।

इसी बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने बूथ स्तर अधिकारी मोबाइल अनुप्रयोग को अपडेट किया है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में दर्ज फर्जी या दोहराए गए नामों की पहचान करना है। अधिकारी ने बताया कि नए संस्करण में सत्यापन की प्रक्रिया और अधिक सरल और प्रभावी हो गई है।

राज्य में जारी इस पूरे अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध और सटीक बनाना है, ताकि आगामी चुनावों में किसी भी प्रकार की त्रुटि और भ्रम की स्थिति न रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर