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शिमला, 02 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य में नैदानिक सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने 213.75 करोड़ रुपये की व्यापक योजना तैयार की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बीमारियों का समय पर और सटीक पता लगाना तथा मरीजों को शीघ्र उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि अक्सर देखा गया है कि बीमारियों का देर से पता लगने के कारण मरीजों की हालत बिगड़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में मुख्यमंत्री ने कई बैठकें आयोजित कीं और आईजीएमसी शिमला, चमियाना, टांडा मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों से चर्चा कर उनकी राय ली। इन सुझावों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने पूरी परियोजना की रूपरेखा तैयार की है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार योजना के तहत प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। आईजीएमसी शिमला, चमियाना अस्पताल, नेरचौक, नाहन और चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए 95 करोड़ रुपये की लागत से पांच उच्च-रिजोल्यूशन एमआरआई मशीनें खरीदी जा रही हैं। इसके अलावा सातों मेडिकल कॉलेजों में 28 करोड़ रुपये से दो उन्नत सीटी इमेजिंग मशीनें लगाई जाएंगी।
इसके साथ ही 8.75 करोड़ रुपये की लागत से 35 डिजिटल रेडियोग्राफी इकाइयां, 14 करोड़ रुपये से 14 सीलिंग-सस्पेंडेड डीआर एक्स-रे मशीनें और 14 करोड़ रुपये से दो उन्नत अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की जाएंगी। सात मेडिकल कॉलेजों में 14 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल मैमोग्राफी इकाइयां लगाई जा रही हैं, जबकि शिमला के कमला नेहरू अस्पताल सहित आठ अस्पतालों में 40 करोड़ रुपये से अत्याधुनिक इमेजिंग आर्काइव और रिट्रीवल टेक्नोलॉजी सिस्टम लगाए जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की प्राथमिकता है कि प्रदेशवासियों को राज्य में ही उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलें ताकि उन्हें इलाज के लिए बाहरी राज्यों में न जाना पड़े। सरकार न केवल नैदानिक सुविधाओं को मजबूत कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अन्य पहलुओं पर भी विशेष ध्यान दे रही है।
राज्य में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीशियनों की कमी को दूर करने के लिए रिक्त पदों को भरा जा रहा है। साथ ही चिकित्सा कर्मियों के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा है, ताकि आधुनिक उपकरणों का अधिकतम लाभ मरीजों को मिल सके।
प्रवक्ता का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण प्रदेश के लोगों को बेहतर, सुलभ और समयबद्ध उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे हिमाचल आने वाले समय में उन्नत चिकित्सा सुविधाओं वाला राज्य बन सकेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा