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प्रयागराज, 2 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जनपद में एएमए सभागार में एक वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन एएमए अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार मिश्र की अध्यक्षता में रविवार काे हुआ। जिसमें डॉ पीयूष कुमार मिश्र, अध्यक्ष उप्र आर्थोपेडिक एसोससिएशन और वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ ने ऑर्थोबायोलॉजिक्स के माध्यम से आशाओं का पुनरुत्थान: प्रत्यारोपण से परे उपचार तथा डॉ अमित जायसवाल सचिव उप्र आर्थोपेडिक एसोससिएशन ने Robotics in Arthrolplasty:A new Dimension in Orthopaedics विषय पर अपने व्याख्यान दिये।
डॉ पीयूष कुमार मिश्र ने बताया कि ऑर्थाबायोलॉजिक्स ऐसे प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग है जो हड्डी, मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट्स की चोटों को ठीक करने में मदद करते हैं। इसका उद्देश्य उपचार को बढ़ावा देना, दर्द कम करना और जोड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करना है। जो अक्सर शल्य चिकित्सा के विकल्प के रूप में या उसे पूरक करने के लिए उपयोग किया जाता है। प्लेटलेट-समृद्ध प्लाज्मा रू यह चोटिल ऊतकों में उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्लेटलेट-समृद्ध मिश्रण है। इनका उपयोग गठिया और अन्य मांसपेशियों से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने के लिए, संयुक्त प्रतिस्थापन सर्जरी में देरी करने के लिए किया जाता है। इनका मुख्य लाभ शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रियाओं को सक्रिय करना, दर्द कम करना और बेहतर कार्यक्षमता प्रदान करना, कुछ मामलों में शल्य चिकित्सा के हस्तक्षेप से बचाना या उसकी आवश्यकता को कम करना है।
डॉ अमित जायसवाल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए न्यूनतम आक्रामक दृष्टिकोण प्रदान करती है। सर्जन पूरी प्रक्रिया के दौरान पूर्ण नियंत्रण बनाए रखता है, सर्जरी को सुविधाजनक बनाने के लिए रोबोटिक हाथ का उपयोग करता है। उन्होंने बताया कि आंकड़े बताते हैं कि रोबोटिक सर्जरी में पारम्परिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम जटिलताएं होती हैं। रोबोटिक जोड़ प्रतिस्थापन सर्जरी सावधानीपूर्वक पूर्व-नियोजित होती है। जिसमें रोगी की विशिष्ट शारीरिक रचना के अनुसार प्रत्यारोपण को अनुकूलित किया जाता है। रोबोटिक घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद, मरीज आमतौर पर उसी दिन सहायता के साथ चल सकते हैं।
इस अवसर पर एएमए अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार मिश्र ने वक्ताओं को स्मृति चिंन्ह एवं चेयरपर्सन डॉ एएन वर्मा, डॉ प्रशान्त त्रिपाठी और डॉ संजीव पाण्डेय को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। वैज्ञानिक सचिव डॉ अनुभा श्रीवास्तव ने संगोष्ठी का संचालन तथा एएमए संयुक्त सचिव डॉ संतोष सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी में डॉ जेवी राय, डॉ कमल सिंह, डॉ अशोक अग्रवाल, डॉ सुजीत सिंह, डॉ सुबोध जैन, डॉ आरकेएस चौहान, डॉ सुभाष चन्द्र वर्मा, डॉ अनूप चौहान, डॉ उत्सव सिंह, डॉ राजेश मौर्या, डॉ अभिनव अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र