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देहरादून, 2 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड में आज सोशल मीडिया पर इगास लोकपर्व विद धामी जमकर ट्रेंड हुआ। इस ट्रेंड के ज़रिए प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस प्रयास की सराहना कर रही है, जिसके तहत राज्य की लोक संस्कृति, परंपराओं और पर्वों को नई पहचान दी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि हमारे पर्व हमारी पहचान हैं, इन्हें संजोना और आगे बढ़ाना हम सबका कर्तव्य है। मुख्यमंत्री की इस पहल से प्रदेशभर में यह संदेश गया कि उत्तराखंड की लोक परंपराएं केवल इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि आज की पीढ़ी की जीवनशैली का गर्वपूर्ण प्रतीक हैं।
एक्स (ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर इगास लोकपर्व विदधामी हैशटैग के तहत हजारों लोगों ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की। कुछ यूज़र्स ने लिखा कि सीएम धामी ने पर्वों को सिर्फ परंपरा नहीं, पहचान बना दिया, तो किसी ने कहा कि ईगास पर सार्वजनिक अवकाश देकर सरकार ने अपनी संस्कृति को सम्मान दिया। ईगास पर्व का यह उत्सव जनभावनाओं, संस्कृति और सरकार की संवेदनशीलता का अद्भुत संगम बन गया—जहां “विकास और विरासत” दोनों एक साथ दिखे।
मुख्यमंत्री धामी से प्रेरित होकर इस बार इगास-बग्वाल पर्व को पूरे उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। प्रदेश सरकार ने इगास पर्व पर सार्वजनिक भी अवकाश घोषित किया। धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास पर सार्वजानिक अवकाश घोषित शुरू किया है।
इससे पहले देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास पर भी ईगास पर्व का आयाेजन किया गया। इस माैके पर पारंपरिक वेशभूषा, लोकगीत, नृत्य और पहाड़ी व्यंजनों के बीच पूरा परिसर लोकसंस्कृति के रंग में रंगा दिखा। प्रदेशभर से आए सम्मानित जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नेता और स्थानीय लोग भी इस आयोजन का हिस्सा बने।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार