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जगदलपुर, 02 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में सक्रिय रहे और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण करने वाले डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने अपने साथियों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। उसने एक वीडियो संदेश में अपना और अपने साथी का मोबाइल जारी किया है। उसने कहा कि लड़ाई अब जनता के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीकों से लड़ी जानी चाहिए। आत्मसमर्पण करने के बाद भूपति ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बीते 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण वाले भूपित ने कहा कि संगठन के लोग मुझे गद्दार कह रहे हैं, लेकिन मैं गद्दार नहीं हूं। वर्तमान की परिस्थितियां बदल गई हैं। इसलिए अपने अन्य 60 साथियों के साथ हथियार डाला हूं। उसका कहना है कि आज भी देश में संगठन में मौजूद कई साथी इलाका और सत्ता के लिए हथियारबंद संघर्ष में डटे हुए हैं। उन्हाेंने कहा कि इस रास्ते पर चलकर ही हम जनता से दूर हुए हैं, यह इस रास्ते की विफलता को दर्शाता है। हमने अपने साथियों को खोने के बाद आत्मसमर्पण का फैसला लिया। अब हम हथियार छोड़कर, जनता के बीच रहकर उनके लिए काम करना चाहते हैं।
भूपति ने अपने साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है। साथ ही भूपति ने साथियों के लिए अपना एक कॉन्टैक्ट नंबर 8856038533 जारी किया है कि इस नंबर पर उससे सीधे संपर्क करें। इसके अलावा आत्मसमर्पित नक्सली रूपेश का नंबर 6267138163 भी जारी किया है। जिस पर उसने हिंसा छोड़ने की इच्छा रखने वाले नक्सलियों से उनसे संपर्क करने की बात कही है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि संगठन के भीतर वैचारिक संकट गहराता जा रहा है। यह समय बंदूक उठाने का नहीं बल्कि आत्ममंथन का है।
भूपति ने नक्सल संगठन में मौजूद अपने साथियों से अपील की है कि वे भी हिंसा का रास्ता छोड़ दें और आत्मसमर्पण कर दें। भूपति का कहना है कि हमने जिन साथियों को खोया है उसके लिए अब बदलाव जरूरी है। सेंट्रल कमेटी सारी परिस्थितियों को समझ रही है। लेकिन संघर्ष पर बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं है, यह उनकी कठमुल्लावाद तरीका को दर्शाता है। भूपति ने कहा हथियार छोड़कर जनता के बीच में आकर काम करें। छत्तीसगढ़ में लीडर रूपेश के साथ सैकड़ों साथियों ने हिंसा छोड़ दी है। अब कानून के दायरे में रहकर हम जनता के बीच में रहकर काम करेंगे।
गाैरतलब है कि भूपति के आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सलियाें के सीसी मेंबर रूपेश ने भी छत्तीसगढ़ सरकार के सामने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद रूपेश ने भी एक वीडियो जारी किया था। रूपेश ने कहा कि महासचिव बसवा राजू भी चाहते थे कि संघर्ष विराम हो। इसी बीच बसवा राजू का एनकाउंटर हो गया, हमें अपने साथियों की चिंता है, हमें भविष्य के बारे में सोचना था। रूपेश ने माओवादी संगठन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि दंडकारण्य की बैठक में भी उन्हें नहीं बताया कि उत्तर बस्तर साथी क्या सोच रहे हैं।
बीती 17 अक्टूबर को जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। 153 हथियार भी सौंपे गए थे। इन्हें 3 बसों के जरिए के जगदलपुर मुख्यालय लाया गया था। इनमें एक करोड़ का इनामी सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश भी शामिल था।इसके बाद नक्सल संगठन की ओर से नक्सली अभय के नाम से पर्चा जारी हुआ, जिसमें रूपेश समेत 210 आत्मसमर्पित नक्सलियों को गद्दार बताया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे