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बरेली, 1 नवंबर (हि.स.) । अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एवं सैनिक कल्याण विभाग एल0 वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में आई.वी.आर.आई. के स्वामी विवेकानन्द सभागार में शनिवार काे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत ‘‘कर्मयोग, मद्य निषेध एवं विकसित भारत’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एल0 वेंकटेश्वर लू ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों और युवाओं के बीच सही-गलत की समझ कम हो रही है। मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से उन्हें ज्ञान तो मिल रहा है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। उन्होंने कहा कि नशा नाश का कारण है और नशे में व्यक्ति संयम और मर्यादा भूल जाता है। देश के महापुरुषों ने आजादी के लिए अपने परिवार और आराम की चिंता नहीं की, लेकिन आज के लोग अपने मन और इच्छाओं पर नियंत्रण खो चुके हैं।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि समस्या चाहे कितनी भी बड़ी हो, समाधान संवाद, चिंतन और मंथन में ही है। कर्म ही वह बीज है, जिसका फल निश्चित रूप से मिलता है। अनुशासित जीवन, सही खान-पान और गुरुजनों का मार्गदर्शन व्यक्ति को सफलता और आत्मसंतोष की ओर ले जाता है। उन्होंने कर्मयोगियों के महत्व पर भी जोर देते हुए कहा कि कर्मयोगी वेतन के मुकाबले अपने कार्य को सर्वोत्तम तरीके से करने का प्रयास करता है।
संगोष्ठी में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कार वितरित किए गए।
मण्डलायुक्त भूपेन्द्र एस0 चौधरी ने कहा कि नशा करने वालों के प्रति किसी प्रकार का सम्मान न रखें। उन्होंने उपस्थित वरिष्ठ जनों से कहा कि वे अपनी आने वाली पीढ़ी को सही मार्ग दिखाएँ और नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराएँ।
इस अवसर पर उप निदेशक समाज कल्याण अजय वीर, उप क्षेत्रीय मद्यनिषेध अधिकारी मनोज कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला दिव्यांगजन अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी नीतू कनॉजिया, एनजीओ मानव संसाधन नशा उन्मूलन केन्द्र के प्रतिनिधि, विद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राचार्य, अध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार