स्पाइन प्रैक्टिस में नई तकनीकों पर चर्चा, विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
आईएमए बरेली शाखा द्वारा आयोजित “स्पाइन प्रैक्टिस में दुविधाएं एवं नवीनतम प्रगति” विषयक वैज्ञानिक बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रतिभागी गहन चर्चा करते हुए।


आईएमए बरेली शाखा द्वारा आयोजित “स्पाइन प्रैक्टिस में दुविधाएं एवं नवीनतम प्रगति” विषयक वैज्ञानिक बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रतिभागी गहन चर्चा करते हुए।


आईएमए बरेली शाखा द्वारा आयोजित “स्पाइन प्रैक्टिस में दुविधाएं एवं नवीनतम प्रगति” विषयक वैज्ञानिक बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रतिभागी गहन चर्चा करते हुए।


बरेली, 1 नवंबर (हि.स.) । भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) बरेली शाखा और एओ स्पाइन के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को “स्पाइन प्रैक्टिस में दुविधाएं एवं नवीनतम प्रगति” विषय पर विशेष वैज्ञानिक बैठक का आयोजन आईएमए भवन, सिविल लाइंस में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ रात्रि आठ बजे हुआ, जिसमें बरेली सहित आसपास के जनपदों के चिकित्सकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

बैठक में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों के आधुनिक निदान और उपचार पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि अब कई जटिल स्पाइन सर्जरी लोकल एनेस्थीशिया में भी संभव हैं, जिससे मरीजों को जनरल एनेस्थीशिया के दुष्प्रभावों से राहत मिलती है। एंडोस्कोपी, रोबोटिक सर्जरी और नेविगेशन गाइडेंस जैसी आधुनिक तकनीकों ने उपचार को अधिक सटीक, सुरक्षित और कम दर्दनाक बना दिया है।

दो सत्रों में विभाजित इस सम्मेलन में देश के ख्याति प्राप्त स्पाइन विशेषज्ञों—डॉ. वरुण अग्रवाल, डॉ. नज़ीम मुग़ल, डॉ. नीरव आनंद सिंह, डॉ. राहुल जैन, डॉ. कुनाल सिंह, डॉ. स्वप्रिल अरुण, डॉ. वरुण खेतान और डॉ. अंकित वर्मा—ने अपने अनुभव साझा किए।

आईएमए अध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे अकादमिक कार्यक्रम चिकित्सकों को नवीन तकनीकों और शोधों से जोड़ते हैं, जिससे मरीजों को बेहतर और सुरक्षित उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत में निरंतर बदलाव हो रहे हैं, इसलिए चिकित्सकों को ज्ञान अद्यतन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ. अंशु अग्रवाल, कोषाध्यक्ष डॉ. शालिनी महेश्वरी एवं पीआरओ डॉ. कामेन्द्र सिंह के निर्देशन में हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार