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--आईसीटी एप्लीकेशन पर सात दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
प्रयागराज, 21 अक्टूबर (हि.स.)। आई.क्यू.ए.सी की समन्वयक प्रो0 अनुजा सलूजा ने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) इन चुनौतियों का सक्षम समाधान प्रस्तुत कर सकती है। आज की दुनिया जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रौद्योगिकी से अलग नहीं रह सकती।
उक्त विचार केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा ईश्वर शरण महाविद्यालय में स्थापित यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के तत्वावधान में सोमवार को आई.सी.टी एप्लीकेशन पर एक 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि प्रो अनुजा सलूजा ने व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षकों से तकनीकी रूप से दक्ष बनने का आग्रह किया तथा प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं।
प्रशिक्षण केंद्र के सहायक समन्वयक डॉ. मनोज कुमार दुबे ने महाविद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण से जुड़े सामान्य नियमों एवं उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने केंद्र का संक्षिप्त विवरण देते हुए बताया कि वर्ष 2018 से केंद्र सरकार द्वारा स्थापित शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र महाविद्यालय में संचालित हो रहा है तथा अब तक लगभग 3,000 से अधिक प्राध्यापको ने यहां से प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं।
प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता कलकत्ता विश्वविद्यालय, पत्रकारिता एवँ जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उमा शंकर पाण्डेय रहें। इन्होंने एआई टूल्स जैसे की चौट जीपीटी, रिसर्च रैबिट, कैनवा, डेल 3 इत्यादि को किस प्रकार प्रयोग करना है, के बारे में उदाहरण सहित बताया।
द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता डॉक्टर संजय कुमार तिवारी कोऑर्डिनेटर नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर अर्थ साइंस बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने की कंटेंट डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट में ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और उसकी वर्तमान प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शैलेश कुमार यादव के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ तथा संचालन डॉ. अविनाश पांडेय ने किया। कार्यक्रम में 18 राज्यों के लगभग 175 प्रतिभागियों के साथ-साथ महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक डॉ. जमील अहमद, डॉ. रागिनी राय, डॉ. एकात्मदेव, डॉ. शाइस्ता इरशाद, डॉ.अश्विनी देवी एवं अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र