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जयपुर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान कांग्रेस ने उपचुनाव में बिना गठबंधन मैदान में उतरने का फैसला किया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि उपचुनाव में हम किसी से गठबंधन नहीं कर रहे हैं। हम सातों सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी), सीपीएम और भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। आरएलपी के लिए नागौर सीट और सीपीएम के लिए सीकर सीट छोड़ी थी। हनुमान बेनीवाल की आरएलपी से अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने गठबंधन नहीं करने का मत जाहिर किया है। भारत आदिवासी पार्टी सलूंबर और चौरासी सीट पर पहले से ही उम्मीदवार उतार चुकी है। ऐसे में उससे गठबंधन के रास्ते बंद हो चुके हैं।
अब कांग्रेस हाईकमान के स्तर पर ही फैसला बदल सकता है। राजस्थान कांग्रेस में एक नेताओं का वर्ग गठबंधन के खिलाफ है। डोटासरा सहित कई वरिष्ठ नेता अकेले दम पर चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं। कांग्रेस वॉर रूम में सोमवार को सातों विधानसभा सीटों पर पैनल तैयार करने और गठबंधन के मुद्दे पर कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद डोटासरा ने पत्रकाराें से बातचीत में कहा कि हमारी सातों सीटों पर तैयारी है। हमने सातों सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल तय कर लिए हैं। सातों सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवारों के पैनल भेजेंगे, उसकी चर्चा कर ली है। बैठक में डोटासरा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, पूर्व विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह और तीनों सह प्रभारी सचिव भी मौजूद थे।
डोटासरा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी सातों सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तय कर हाईकमान को भेज रही है। अब हाईकमान गठबंधन पर कोई निर्देश दे दे तो उससे हम बंधे हुए हैं, लेकिन हमारा मत सातों सीटों पर लड़ने का है। सातों सीटों पर हमारा पैनल प्रदेश प्रभारी रंधावा हाईकमान के पास लेकर जा रहे हैं। हाईकमान के साथ डिस्कस करेंगे, उसके बाद कभी भी टिकट घोषित हो जाएंगे। हनुमान बेनीवाल से गठबंधन के लिए बातचीत के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से न तो हम लोगों ने कोई बात की है, न उन लोगों ने कोई बात की है। इसलिए गठबंधन का सवाल कहां पैदा होता है। इंडिया गठबंधन जैसे हनुमान बेनीवाल कहते हैं दिल्ली में है तो वह दिल्ली में है, यहां नहीं है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि गठबंधन के लिए अगर किसी ने संपर्क किया होगा तो दिल्ली में चर्चा करेंगे। लेकिन, राजस्थान कांग्रेस ने सातों सीटों पर पैनल दिया है। राजस्थान कांग्रेस ने अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, सीपीएम और भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। आरएलपी के लिए नागौर सीट और सीपीएम के लिए सीकर सीट छोड़ी थी। हनुमान बेनीवाल की आरएलपी से अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने गठबंधन नहीं करने का मत जाहिर किया है। भारत आदिवासी पार्टी सलूंबर और चौरासी सीट पर पहले से ही उम्मीदवार उतार चुकी है। ऐसे में उससे गठबंधन के रास्ते बंद हो चुके हैं। अब कांग्रेस हाईकमान के स्तर पर ही फैसला बदल सकता है। राजस्थान कांग्रेस में एक नेताओं का वर्ग गठबंधन के खिलाफ है। डोटासरा सहित कई वरिष्ठ नेता अकेले दम पर चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित