समितियों में कामकाज बंद, जिलेभर के सहकारी कर्मचारी बैठे धरना पर
धमतरी, 21 अक्टूबर (हि.स.)।सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला धमतरी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 21 अक्टूबर से शहर के गांधी चौक पर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन पर बैठ गए है। धरना प्रदर्शन में सहकारी समिति के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई। जिल
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष नरेंद्र कुमार साहू ।


धमतरी, 21 अक्टूबर (हि.स.)।सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला धमतरी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 21 अक्टूबर से शहर के गांधी चौक पर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन पर बैठ गए है। धरना प्रदर्शन में सहकारी समिति के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई। जिलेभर के सभी सहकारी कर्मचारी अवकाश लेकर धरना पर बैठे है इसलिए समितियों में कामकाज पूरी तरह से बंद है। काम बंद होने से किसानों की दिक्कतें शुरू हो गई है।

धरना को संबोधित करते हुए जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष नरेंद्र कुमार साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहकारी कर्मचारी महासंघ रायपुर प्रांतीय संगठन के आह्वान पर पूरे छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालयों में लंबित तीन सूत्री मांगों को लेकर दो दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर कर्मचारी धरना दे रहे हैं। धरना में समिति प्रबंधक, लेखापाल, लिपिक सह आपरेटर, विक्रेता,भृत्य, चौकीदार समेत अन्य कर्मचारी समितियों में काम बंद करके शामिल हुए है।

जिले में 74 सहकारी समितियां है, जिसमें लगभग 600 कर्मचारी कार्यरत है। जब तक मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक 23 अक्टूबर से तीन नवंबर तक भोजन अवकाश पर अपने समिति कार्यालय में दो मिनट अपनी मांग पूर्ति के लिए नारा लगाएंगे। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होती है, तो चार नवंबर से प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन रायपुर में करेंगे। धरना पर बलदेव साहू, ओमप्रकाश साहू, मोहन लाल साहू, देवेंद्र साहू, ओंकार कश्यप, लिलेश्वर बैस, नामदेव चंद्राकर, भेदूराम सहित 40 से अधिक कर्मचारी उपस्थित थे। धरना पर बैठे अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार के तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों को कर्मचारियों के वेतनमान व अन्य सुविधाएं लाभ देने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान राशि शीघ्र दिया जाए। सेवा नियम 2018 की आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू किया जाए। समर्थन मूल्य धान खरीद वर्ष 2023-24 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य करते हुए आगामी वर्षों के लिए वर्णित 16.9 में सुखत मान्य का प्रावधान करते हुए अनुबंध में परिवर्तन करते हुए प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय एवं कमीशन, खाद, बीज, उपभोक्ता फसल बीमा आदि को चार गुना बढ़ोत्तरी कर राशन वितरण पर 500 किलो क्षतिपूर्ति या 5000 रुपये देने की मांग की है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा