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जोधपुर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों, सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों, अल्ट्राटेक सीमेन्ट लिमिटेड (बिड़ला व्हाइट) खारिया खंगार, मेकशॉट ब्लास्टिंग इक्यूपमेन्ट प्राइवेट लिमिटेड तथा सरकारी विभागों में ठेकेदारों के अधीन कार्यरत असंगठित श्रमिकों को बोनस अधिनियम 1965 तथा संशोधित नियम 2007 के तहत बोनस भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर राजस्थान टेऊड यूनियन केन्द्र (आर.सीटू.) ने संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त को श्रम आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा।
इससे पूर्व श्रमिक श्रम विभाग एकत्रित हुए तथा अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। गोपीकिशन के नेतृत्व में श्रमिक प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मण्डल में गोपीकिशन, बृजकिशोर, नदीम खान, दिलीप सिंह, राजाराम खारिया, वहीदुदीन, अशोक कुमार, हबीबुर्रहमान, रमेशनाथ, शरे सिंह, राजेन्द्र सिंह, सहित अनेक श्रमिक प्रतिनिधि शामिल थे। श्रमिक प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में कार्यरत असंगठित श्रमिकों के दोहरे शोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके लिए राज्य सरकार की सरमाएदारों की पक्षधर नीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों में बोनस अधिनियम 1965 के प्रावधानों का खुलकर उल्लंघन हो रहा है।
श्रमिकों को उनके सर्विस की गारन्टी वेतन पर्ची नहीं मिलती और इसी की आड़ लेकर औद्योगिक संस्थानों के मालिक असंगठित श्रमिको को बोनस भुगतान नहीं करते। उन्होंने श्रम विभाग पर कत्र्तव्य विमुख होने का आरोप लगाया और कहा कि श्रम निरीक्षक औद्योगिक संस्थानों का भौतिक निरीक्षण नहीं करते, जिस वजह से संस्थान में कार्यरत श्रमिक श्रम कानूनों के लाभ से वंचित है।
इसके ऊपर वर्तमान में श्रमिक संबंधी विवादों का निस्तारण नहीं हो पा रहा। उन्होंने सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों के ठेका श्रमिकों को बोनस भुगतान सुनिश्चित करवाने तथा भवन निर्माण श्रमिकों को दीपावली पूर्व श्रम कल्याण मण्डल द्वारा न्यूनतम बोनस भुगतान का लाभ दिये जाने की भी मांग की। क्षेत्रीय संयुक्त श्रम आयुक्त की गैर मौजूदगी में विभाग के अन्य श्रम अधिकारी ने प्रतिनिधि मण्डल से श्रम आयुक्त के नाम ज्ञापन लिया और उन्हें उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश