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कठुआ 21 अक्टूबर (हि.स.)। उपायुक्त कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास ने गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम पर जिला सलाहकार समिति (डीएसी) की बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में जिले भर में अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण के साथ-साथ अपराधों, दंड और समग्र निगरानी तंत्र के प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कठुआ डॉ विजय रैना ने जिले के 15 अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों पर एक अपडेट प्रदान किया, जिसमें 12 निजी केंद्र और 3 सरकारी संचालित सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने ब्लॉकवार नवीनतम बाल लिंग अनुपात डेटा पर भी विस्तृत विवरण दिया, जो प्रति 1000 लड़कों पर 912 लड़कियों का है, जो यूटी के कुल अनुपात 890 से बेहतर है, लेकिन राष्ट्रीय सीएसआर से कम है। डीसी मिन्हास ने स्वस्थ बालिका लिंग अनुपात को बढ़ावा देने में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों के यादृच्छिक निरीक्षण के माध्यम से सख्त प्रवर्तन का निर्देश दिया। उन्होंने राष्ट्रीय औसत के अनुरूप बाल लिंग अनुपात में और सुधार लाने के लिए नवीन उपाय अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने अवैध लिंग निर्धारण प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए डिकॉय ऑपरेशन के उपयोग की भी वकालत की। 1994 में संसद द्वारा पारित पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और जन्मपूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगाकर गिरते लिंग अनुपात को रोकना है। डीएसी ने बनी में एक नए निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र के पंजीकरण को मंजूरी दे दी और शर्मा अल्ट्रासाउंड और इमेजिंग सेंटर कठुआ के नए भवन में एक नई अल्ट्रासाउंड मशीन जोड़ने की मंजूरी दे दी। बैठक में एएसपी कठुआ, सीएमओ और अन्य डीएसी सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया