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जम्मू, 21 अक्टूबर (हि.स.)। सोमवार को मिशन स्टेटहुड संगठन के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने जानीपुर रोड पर एक रैली का नेतृत्व किया जिसमें गांदरबल कश्मीर में हाल ही में हुई हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकवादियों ने एक डॉक्टर और सात मजदूरों को निशाना बनाकर उनकी हत्या कर दी थी। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान, उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई और टीआरएफ और जैश जैसे आतंकवादी संगठनों के पुतले भी जलाए।
भीड़ को संबोधित करते हुए डिम्पल ने क्रूर हमले की कड़ी निंदा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जवाब की मांग की। उन्होंने घटना के बारे में केंद्र सरकार से आधिकारिक बयान की मांग की और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बावजूद लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया।
डिंपल ने घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गहन जांच की मांग की। इस बात पर गंभीर सवाल उठाए कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में इस तरह के हमले कैसे होते रहते हैं। उन्होंने पूछा आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में कैसे घुस रहे हैं, निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं और इन क्रूर लक्षित हत्याओं के बाद कैसे गायब हो रहे हैं।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आतंकवादी हमलों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और आतंकवाद से निपटने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के बीच एकजुटता का आह्वान किया। डिंपल ने हमले के डॉ. शहनवाज, शशि अबरोल और अन्य पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
डिंपल ने आगे बढ़कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की कमजोर नीतियों के कारण 600 से अधिक पाकिस्तानी एसओजी कमांडो और बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) बलों ने डोडा, किश्तवाड़, पुंछ और राजौरी जैसे क्षेत्रों में घुसपैठ की है, जिससे जम्मू क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा