हिसार: देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को काल की परिधि में नहीं बांधा जा सकता : एडीजीपी
पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर शहादत को किया सलाम हिसार, 21 अक्टूबर (हि.स.)। हिसार रेंज के एडीजीपी डॉ. एम. रवि किरण ने कहा कि देश के लिये अपना फर्ज अदा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को काल की परिधि में नहीं बांधा जा सकता, वे अमरत्व
शहीदों के परिवारों को शॉल भेंट करते हुए एडीजीपी डॉ एम. रवि किरण।


शहीदों के परिवारों को शॉल भेंट करते हुए एडीजीपी डॉ एम. रवि किरण।


पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर शहादत को किया सलाम

हिसार, 21 अक्टूबर (हि.स.)। हिसार रेंज के एडीजीपी डॉ. एम. रवि किरण ने कहा कि देश के लिये अपना फर्ज अदा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को काल की परिधि में नहीं बांधा जा सकता, वे अमरत्व को प्राप्त हो जाते है। ऐसे कर्तव्यपरायण वीर जवान हमारे प्रेरणास्त्रोत है। वे सोमवार को पुलिस शहीदी दिवस के अवसर पर पुलिस प्रशासन की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पुलिस बल के शहीद हुए जवानों को याद किया गया।

साेमवार काे नई पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में देशभर के पुलिस संगठन से शहीद हुए 214 नायकों के नाम पढे गए उन्हें श्रद्धा से याद करते हुए सलामी दी गई। शहीदों के सम्मान मे दो मिनट का मौन रखा गया। उन्होंने हरियाणा पुलिस के शहीद जवानो को याद किया व उनके परिवार से आये सदस्यों को सम्मानित करते हुए शॉल भेंट की। हिसार के पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने शहीद परिवार से आए सदस्यों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया व कहा कि उनसे संबंधित कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार मोहन, डीएसपी डिटेक्टिव सुनील कुमार, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर वजीर सिंह, डीएसपी संजीव कुमार, डीएसपी गौरव शर्मा सहित सैकड़ों पुलिस, अधिकारियों, कर्मचारियों ने सलामी परेड में भाग लिया व शहीदों को पुष्प अर्पित किए। एडीजीपी ने जिला हिसार में शहीद हुए 09 शहीदों के परिजनों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हर वर्ष 21 अक्टूबर पुलिस के शहीदों की स्मृति दिवस के रुप में शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का इतिहास 21 अक्टूबर 1959 से शुरु हुआ, जब भारतीय पुलिस बल का एक दल लद्दाख क्षेत्र में राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात किया गया था। अपनी मात्रभूमि की रक्षा में तैनात व किसी भी हमले की आशंका से बेखबर इन जवानों पर पहाड़ियों में घात लगाए बैठे चीनी सैनिकों ने एकाएक हमला कर दिया था। अचानक हुए हमले व चीनी सैनिकों के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देते हुए 10 सीआरपीएफ जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया व दुश्मन सेना को भारी क्षति पहुंचाई।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर