रोपाई कार्य में आई तेजी, किसानों को नहीं मिल रहे मजदूर
धमतरी, 29 जुलाई ( हि. स.)।खरीफ फसल के रूप में धान की रोपाई तेजी साथ हो रही है। एक साथ कई खेत में रोप
ग्राम बोड़रा के खेतों में रोपाई कार्य चल रहा है।


धमतरी, 29 जुलाई ( हि. स.)।खरीफ फसल के रूप में धान की रोपाई तेजी साथ हो रही है। एक साथ कई खेत में रोपाई कार्य शुरू होने से किसानों की समक्ष मजदूरों की समस्या आ खड़ी हुई है। अधिक मजदूरी देकर किसान खेतों में रोपाई करा रहे हैं। बीते रात को हुई तेज बारिश से खेती-किसानी के कार्य में तेजी आ गई है।

शहर सीमा से लगे ग्राम मुजगहन, रत्नाबांधा, लोहरसी, शंकरदाह हरफतराई, डोड़की, गोकुलपुर वार्ड भटगांव, श्यामतराई, पोटियाडीह, अर्जुनी,खपरी, भानपुरी, देमार, मुजगहन, खरतुली, कुर्रा, कोर्रा सहित अधिकांश गांव में रोपाई तेजी से हो रही है। कई साधन संपन्न किसान मोटर पंप की सहायता से पहले ही धान की रोपाई कर चुके हैं। कई किसानों ने बाद में रोपाई शुरू की। खेतों में धान की रोपाई शुरू होने से किसानों के समक्ष मजदूरों की समस्या हो गई है। ऐसे में अंचल के किसान अधिक मजदूरी देकर धान की रोपाई करने विवश हैं। ग्राम श्यामतराई के किसान तेज कुमार साहू, रूपेश साहू, यशवंत साहू ने कहा कि धान की रोपाई के लिए मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है। रोपाई कार्य पिछड़ गया है। अब तक धान फसल की रोपाई हो जानी चाहिए थी। समय पर रोपाई न होने के कारण धान के उत्पादन पर असर पड़ता है। यह कार्य बिना शारीरिक श्रम के संभव नहीं है। इसलिए ज्यादा परेशानी होती है।

इन दिनों पुरुष मजदूरी 170 रुपये और महिला मजदूरी 140 रुपये के बीच चल रही है। इसी तरह एक एकड़ रोपाई का ठेका 45 सौ से पांच हजार रुपये के बीच चल रहा है। मालूम हो कि अंचल के अधिकांश किसान खरीफ फसल के में धान की पैदावार लेते हैं। धान का समर्थन मूल्य बढ़ने से अधिकांश किसानों का रुझान धान की पैदावार लेने में है। अधिकांश किसान धान की तेजी से तैयार होने किस्म आई आर 64 का उत्पादन कर रहे हैं। सिंचाई साधन संपन्न किसान जल्द से जल्द रोपाई का कार्य पूर्ण करा लेना चाहते हैं। किसान रूपेश कुमार साहू, तेजू राम साहू, कैलाश साहू ने कहा कि धान की रोपाई का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। कुछ किसानों की रोपाई बाकी है। लगभग चार महीने बाद फसल तैयार हो जाएगी। ग्राम देमार के किसान संतोष सिन्हा, दिनेश साहू, गोपाल पुरी गोस्वामी ने बताया कि मोटर पंप की सुविधा होने के कारण रोपाई के लिये धान की नर्सरी पहले तैयार हो जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा